कहिए ‘हैप्पी वैलेंटान्स
डे’
पूजा मेहरोत्रा
पूजा मेहरोत्रा
हर किसी को नहीं मिलता यहां
प्यार जिंदगी में। खुशनसीब हैं वों जिनको है मिली ये बहार जिंदगी में। ये सिर्फ गाने
के बोल मात्र नहीं है। सच्चाई है, जिसे जितनी जल्दी स्वीकार कर लिया जाए अच्छा
है। पिछले दिनों मैंने आपसे मेहू को उसका प्यार मिले इसके लिए दुआ करने की
गुजारिश की थी, मेहू ने मेरे घर भी आना छोड़ दिया है। मैं जाती हूं तो नजरें
चुराती है। मां परेशान है बेटी को अचानक क्या हो गया है। मेहू अब समझ चुकी है कि
वह उसके साथ मजाक कर के जा चुका है। वह पहले भी लोगों पर कम विश्वास करती थी। अब
उसकी आंखें इतनी सूनी हो चुकी हैं कि उसका खुद पर विश्वास उठ गया है। अफसोस हो
रहा था मुझे। उस लड़के के लिए भी । बहुत खूबसूरत न सही लेकिन एक स्मार्ट और
समझदार लड़की है मेहू जिसे जिंदगी के हर मोड़ पर अपने आपको ढालना सीखा है। पूरा घर
मोहल्ला ही नहीं दोस्त भी उससे अपने बुरे समय में सलाह लेते हैं और हर सिचुएशन
से बड़ी आसानी से निकलने के कई आसान तरीके होते हैं मेहू डार्लिंग के पास। लेकिन शायद
मेहू उसके लिए एक ऑब्जेक्ट थी, मेहू उसके लिए बस हाड़ मांस का लोथड़ा थी। जिसके
साथ उसने प्यार का गंदा मजाक किया। अब
किसी और मेहू की तलाश में निकल गया। लेकिन वह मेहू जिसने जिंदगी में पहलीबार किसी
पर विश्वास करने का साहस किया वह आज अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती माने बैठी है।
पता नहीं उसके कोमल दिल ने क्या क्या सपने सजा लिए थे।
अभी मेहू की बातें मैं भूल
भी नहीं पाई थी कि नौ फरवरी की एक शाम होती दोपहर में ई रिक्शा पर एक नया नजारा
देखा। लड़का दारू के नशे में धुत्त लड़की पर पूरी तरह लुढका जा रहा था। और लड़की
के ही फोन से किसी से बहुत बदतमीजी से बात कर रहा था। अभी नोएडा के सेक्टर 15
मेट्रो स्टेशन से रिक्शा आगे बढ़ा ही था कि उन दोनों का हाव भाव मुझे बता गया कि
दोनों इश्क में हैं। मैंने उस गंदी बदबू से बचने के लिए अपनी नाक पर स्टॉल रख
लिया था। तभी लड़की की रोती हुई आवाज कानों से होती हुई दिल को भेदती चली गई। दिल
ने कहा अरे एक और मेहू छली जा रही है।
लड़की उस लड़के से कह रही थी मेरे बारे में क्या
सोचा है, लड़का कहता है- कुछ नहीं, बस तुझे छोड़ना नहीं चाहता। मेरी नजरें लड़की
को देखने के लिए उठ चुकी थीं। उसकी आंखों से उसका प्यार बह रहा था, वह अपने प्यार
की भीख मांग रही थी। बातों से पता चला लड़के की शादी की बात चल रही है और वह उस
लड़की से मिलने जा रहा है लेकिन इस लड़की को भी छोड़ना नहीं चाहता।
लड़की- मेरी इस हालत के
जिम्मेदार आप हैं, अगर आपको यही करना था तो इतने दिन तक----सिसकिंया और सन्नाटा।
दोनो ंको कोई फर्क नहीं पड़
रहा था कि दो अनजान लोग उन्हें लगातार सुन रहे हैं।
लड़की आगे कहती है इससे अच्छा
आप मेरा गला घोंट देते, मार देते। आपने मुझे न इधर का रखा न उधर का।
ओह कितना दर्द था उसकी बातों में।
और वह नशे में धुत्त लड़के को न तो उसकी आंसू
की परवाह थी न उसके दर्द की। वो लड़की की तरफ देख भी नहीं रहा था। बस एक बात कह
रहा था तुझे नहीं छोड़ सकता, उसके मां पापा अच्छा पैसा देंगे फिर हम साथ रहेंगे,
उसे नहीं लाउंगा।
मन किया उस लड़की का हाथ
पकड़ू रिक्शे से उतारूं और समझाउं, जो शख्स सीधा बैठ नहीं पा रहा वह तुम्हारा
साथ क्या निभाएगा। जो शख्स तुझे सामने सामने बेवकूफ बना रहा है उसके लिए इस आंसू
का क्या मतलब है। बेवकूफ लड़की। मेरे अंदर कई सवाल जवाब उमड़ने घुमड़ने लगे थे। मुझे
लगा अगर मैं कुछ कहती हूं तो क्या पता लड़की मुझे उसके मामले में बोलने के लिए
कुछ भला बुरा कह दे। मेरी मंजिल करीब आ चुकी थी।
जब मैं रजनीगंधा चौक पर
फिल्मसिटी जाने के लिए उतर रही थी लड़की उस नशेड़ी से अपने प्यार की भीख मांग
रही थी।
मैं रिक्शे में बैठी सेक्टर 16 के किस मीडिया
हाउस में जाना है बताया और फोन निकाल कर सूचना देने के लिए कभी संदेश तो कभी फोन
करने की जुगत करती रही। लेकिन अब मेरी हिम्मत पता नहीं क्यों जवाब दे चुकी थी।
मन बुरी तरह से रोने लगा था। मीडिया हाउस के सामने पहुंचने तक मैं जिससे मिलने गई
थी, फोन करने का कई बार नंबर मिलाया, कुछ देर खड़ी रही लेकिन न जाने क्यूं बिना
मिले वापस आ गई। बाद में एक संदेश भेजा कि आई थी लेकिन वापस जा रही हूं।
समझ नहीं आ रहा है कब तक ये
लड़कियां यूंही बेवकूफ बनती रहेंगी। वो क्यों नहीं समझ पाती कि सामनेवाला क्या
चाहता है? क्यों अंधा विश्वास कर लेती हैं? क्यूं प्यार आज भी एक खेल है जिसमें खामियाजा
हमेशा लड़कियों को ही। चलिए कोई बात नहीं। प्यार कीजिए और विश्वास कीजिए क्योंकि यही जिंदगी है। तो
जिंदगी जीती रहिए लेकिन समझदारी से। अगर आपकी जिंदगी में कोई नहीं तो इंतजार मत कीजिए खुद से प्यार
कीजिए और खुद से ही कहिए, हैप्पी वैलेंटाइन्स डे।
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