पूजा मेहरोत्रा
महिलाएं बचत करने
में माहिर होती हैं। कम खर्च में घर चलाने से लेकर मेहमान नवाजी तक, बच्चों की
फीस से लेकर बीमारी तक हर काम आसानी से हो जाए और कुछ पैसे रेनी डेज के लिए बच
जाएं उसके लिए हर संभव कोशिश में लगी रहती हैं। महिलाओं की बचत की इस आदत को बैंक
बखूबी जानते हैं। शायद यही वजह है अधिक से अधिक महिलाओं को बैंक तक लाने के लिए
बैंक ने उनके लिए विशेष एकाउंट से लेकर लोन तक की सुविधाएं दे रहे हैं।
वुमन इंपावरमेंट के
लिए सरकार बैंकों के साथ मिलकर भी कई योजनाएं चला रही है। जिसमें महिलाओं के जीरो
बैलेंस पर एकाउंट खोलने से लेकर अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छुक महिलाओं को
लोन उपलब्ध करवाने, एटीएम कार्ड, शॉपिंग, खाने पीने से लेकर मैक्सिमम ट्रांजैक्शन
आदि तक की सुविधाएं मुहैया करा ही रही है साथ ही बच्चों के लिए एकाउंट खोलने की
सुविधा दे रही है। अधिक से अधिक महिलाएं बैंक की इन योजनाओं के बारे में जानें और इन
योजनाओं का लाभ उनतक पहुंचे इसके लिए जागरूकताा कैंपेन भी चलाती रहती है। बैंक इन
योजनाओं का नाम भी महिलाओं के नाम पर ही चला रही है। लेकिन क्या सचमुच इन सभी
सुविधाओं का फायदा महिलाओं तक पहुंच रहा है या महिलाओं को इसकी जानकारी है।
बैंक एकाउंट खोलने
के लिए
एकाउंट खोलने का प्रोसिजर लगभग हर बैंक का एक सा
ही है। बैंक एकाउंट खोलने के लिए ,एड्रेस प्रूफ, फोटो आई काड , पैन कार्ड की आवश्यकता
होती है। पहचान पत्र के और एड्रेस प्रूफ के लिए वोटर आईडी, राशन कार्ड, आधार कार्ड,
पासपोर्ट और बिजली बिल आदि की जरूरत होती है। बैंक समय समय पर अपना टार्गेट पूरा
करने के लिए साल में एक या दो बार जीरो बैलेंस एकाउंट खोलने की सुविधा भी मुहैया
कराता है। वैसे महिला एकाउंट खोले जाने का प्रोसेस भी जनरल एकाउंट की तरह ही होता
है, यहां तक कि डिपोजिट भी। बैंक की पॉलिसी के हिसाब से अधिकतर सरकारी बैंक कि
डिपोजिट राशि कम ही होती है जबकि निजी बैंक पांच से दस हजार रुपए तक डिपोजिट रखने की
बात करते हैं। वैसे सभी बैंक बीच बीच में जीरो बैलेंस एकाउंट स्कीम भी चलाते है।
इस योजना के तहत महिलाओं को एकाउंट में निश्चित राशि रखने की बाध्यता नहीं होती है।
महिला एकाउंट की सुविधाएं
चूंकि घर की सारी खरीददारी
की जिम्मेदारी महिलाओं पर ही होती है इसलिए अधिक से अधिक महिलाओं को आकर्षित करने
के लिए बैंक महिलाओं के विशेष एकाउंट और एटीएम कार्ड पर खरीददारी के लिए कई तरह की
योजनाएं और सुविधाएं भी देते हैं।
अधिक से अधिक शॉपिंग
में डिस्काउंट के साथ, कैश बैक ऑफर और डाइनिंग में भी डिस्काउंट मुहैया कराती
है।
कुछ बैंक महिला एकाउंट के साथ 18 साल से कम उम्र
के बच्चों के लिए अलग से एकाउंट खोलने की सुविधा भी देती हैं।
साथ ही बैंक किसी भी
एटीएम से ट्राजैंक्शन की निशुल्क सुविधा के साथ, बीमा की सुविधा भी दे रही हैं।
बैंको द्वारा
महिलाओं के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन बैंक प्रशासन उन योजनाओं
के प्रचार प्रसार पर खास ध्यान नहीं देती है जिसकी वजह से योजनाओं की जानकारी आम
महिलाओं की पहुंच से थोड़ी दूर है और बैंक द्वारा दिए जा रहें लाभ से भी दूर हैं।
बैंक महिलाओं के
विशेष बचत खाते पर 0.25 परसेंट तक ब्याज बढा कर देना होता है। वहीं लोन पर भी
साधारण ब्याज की तुलना में महिलाओं को लोन के ब्याज में 0.25 से 0.50 परसेंट तक
सब्सिडी अधिक दी जाती है।
महिलाओं के लिए बैंक
द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी आम और जरूरतमंद महिलाओं तक तक कभी पहुंच ही
नहीं पाती है।
अक्सर बैंक इन
खातों और लोन की जानकारी महिला दिवस पर वुमन इंपावरमेंट के नाम पर जारी करते हैं
और फिर गायब हो जाते हैं।
देश में महिलाओं को
छोड दीजिए पुरुष भी फाइनेंसियल मामलों में जागरूक नहीं है या यूं कहें कि समझ नहीं
रखते हैं। अगर उन्हें यह पता नहीं है कि बैंक के पास उनकी जरूरतों के हिसाब से क्या
क्या योजनाएं हैं और उससे उन्हें क्या फायदा हो सकता है तो वे उसका फायदा कैसे
लेंगे।
बैंक भी अपनी उन्हीं
योजनाओं का प्रचार प्रसार करता है जिसमें उसे अधिक से अधिक फायदा होता है। जबकि
बैंक को और आरबीआई को यह चाहिए कि वह बैंक को उन योजनाओं ब्रांच में ही नहीं बल्कि
पोस्टर व बैनर के द्वारा प्रचार प्रसार वह इंगिलिश, हिंदी के अलावा लोकल लैंग्वेज
में भी करे। वेबसाइट पर दी जानेवाली
जानकारी में विशेषतौर पर महिलाओं के लिए दी जा रही सुविधाओं को भी बहुत हाइलाइट नहीं
किया गया है।
बैंकों की महिलाओं
के लिए विशेष योजनाएं
विजया बैंक की वी स्वशक्ति
और वी मंगला
वी स्वशक्ति
विजया बैंक कई
वर्षों से महिला उद़यमियों के लिए और उन महिलाओं के लिए जो छोटे व्यवसाय शुरू
करना चाहती हैं उनके लिए ‘वी स्वशक्ति’ योजना चला रहा है। जिसके अंतर्गत छोटे व्यवसाय
और रोजगार शुरू करने के लिए लोन मुहैया कराती है। बैंक टेलरिंग, कैटरिंग, कैंटीन,
अचार, मसाला बनाने से लेकर क्लीनिक, पापड़ बनाने तक, ब्यूटी पार्लर, क्रेच, प्ले
स्कूल, टय़ूशन, कोचिंग क्लासेज, लाइब्रेरी, सिरेमिक आदि के साथ, डिर्पाटमेंटल स्टोर,
हैंडी क्राफट, मेडिकल शॉप, काउंसिलिंग, कैंडिल मेकिंग, हेल्थ सेंटर, लांड्री,
बेकरी, ट्रेवल एजेंसी आदि के लिए लोन देती है।
बैंक किसे देगी लोन
वी शक्ति लोन के लिए
महिला की आयु 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए।
शिक्षा अनिवार्य
नहीं है। यह लोन सुविधा उन्हीं महिलाओं को बैंक देता है जिनका बिजया बैंक में
पहले से एकाउंट होता है।
महिला एकाउंट हो या फिर जनरल एकाउंट।
जिस महिला ने लोन अप्लाई किया है उसका बैंक में
एकाउंट नहीं है तो बैंक के नियम के अनुसार पहले उन्हें बैंक में एकाउंट खुलवाना
होगा और कई महीने तक इसमें एक नियम के तहत मिनिमम बैलेंस मेंटेंन करने की बात भी
कही जाती है।
बैंक महिलाओं को यह
लोन मालिकाना हक और पार्टनरशिप फर्म के लिए भी देता है। नियम के अनुसार बैंक यह
लोन महिला को तभी देता है जब संबंधित पार्टनशिप व्यवसाय में उसकी पार्टनरशिप कम
से कम 51 फीसदी होनी चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत
बैंक अधिकतम पांच लाख रुपए तक लोन देती है। बैंक कंपनी और मशीनरी के सारे पेपर
अपने पास रेहन के रूप में रख लेती है। इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इस योजना
में बैंक किसी तरह के गारंटर की मांग नहीं करता है।
बैंक ने वी मंगला
लोन कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया है। इस लोन के तहत बैंक
महिलाओं को कार, जूलरी, और दुपहिया खरीदने के लिए लोन देती है।
अधिकतम लोन तीन लाख
तक का होता है या 15 महीने की ग्रास सैलरी जो भी हो उसके बराबर का लोन दिया जाता
है।
इस लोन की सबसे बड़ी
खासियत यह है कि इस लोन पर ब्याज की दर साधारण ब्याज दर से एक फीसदी कम होती है।
इसके अलावा महिलाओं के लिए मुफत क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी मुहैया कराती है। इसपर
कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ता है।
लोन के साथ इंश्योरेंस
कवर भी दिया जाता है ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में लोन की राशि बीमा से पूरी की
जा सके।
स्टेट बैंक आफ इंडिया
का स्त्री पैकेज-
बैंक अपनी एकाउंट धारक महिला ग्राहकों के लिए
लोन के इंटरेस्ट रेट में 0.25 परसेंट तक की विशेष रियायत देता है। इस लोन का मकसद
सिर्फ महिलाओं को इंडीपेंडेंट बनाने में मदद करना है। पांच लाख तक के लोन पर बैंक
महिलाओं से किसी तरह के कोलेटरल सिक्योरिटी भी नहीं लेता है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट
के साथ आई कार्ड और एड्रेस प्रूफ पर लोन मुहैया कराता है।
बैंक ऑफ इंडिया की
प्रियदर्शनी योजना-
बैंक महिलाओं को लोन
की सुविधा लघु, मंझोले और कुटीर उदयोग की शुरुआत करने के लिए मुहैया कराता है।
बैंक दो लाख तक महिलाओं को लोन देता है और इसकी ब्याज दरें साधारण ब्याज दरों की
तुलना में एक फीसदी कम होती है
बैंक ऑफ बडौदा
वैभव लक्ष्मी
बैंक महिलाओं के लिए
समय समय पर जीरो बैलेंस एकाउंट खोलता है। यदि महिला काम काजी नहीं और खुद का काम
शुरू करना चाहती है तो लोन की विशेष सुविधा मुहैया कराता है। प्रोजेक्ट के आधार
पर बैंक लोन भी देती है। लोन की राशि प्रोजेक्ट के आधार पर ही तय की जाती है।
लेकिन बैंक लोन देने के लिए एक गारंटर मांगती है। जबकि महिलाओं के एजूकेशन लोन पर
साधारण ब्याज दर की तुलना में महिलाओ को एक फीसदी की छूट भी देती है। इस बैंक की
सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपनी वैभव लक्ष्मी स्कीम के तहत महिलाओं को घर के
जरूरी सामान की खरीददारी के लिए भी लोन देती है। यह लोन पर्सनल लोन की तरह होता
है।
केनरा बैंक
केन महिला
बैंक 18 से 55 वर्ष
की महिलाओं को लोन मुहैया कराती है। इस स्कीम के तहत महिलाएं घर के जरूरी सामान
के साथ सोना, जूलरी, कंप्यूटर आदि तक खरीदने के लिए लोन ले सकती हैं। बैंक लोन की
सुविधा हाउस वाइफ, वर्किंग और इंडीपेंडेंट महिलाओं को देती है।
ओरिएंटल बैंक आफ
कॉमर्स
महिला विकास योजना
यह बैंक महिलाओं को
सबसे अधिक राशि यानि दो लाख से लेकर 10 लाख तक की राशि का लोन मुहैया कराता है।
यही नहीं महिलाओ ंको ब्याज दरों में दो प्रतिशत की छूट भी देता है। 10 लाख से
अधिक का लोन लेने पर एक फीसदी तक की छूट दी जाती है। यदि लोन दो लोग मिल कर ले रहे
हैं जिसमें एक पुरुष है तो काम में महिला की हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसदी होनी
ही चाहिए। कंडीशन बस एक है कि लोन सात वर्षों में चुकाना होता है।
सिंडीकेट बैक
सिंड महिला शक्ति
सिंडिकेट बैंक महिला
की सशक्तिकरण के लिए इस योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत उन्हें देशभर में 20000
महिला व्यवसायियों को लोन देना है। जिसमें महिलाएं माइक्रो, स्मॉल और मिडियम
आकार के व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। इस योजना के तहत बैंक महिलाओं को कनशेसनल रेट
पर पांच करोड़ तक लोन मुहैया करा रही है। यदि महिला 10 लाख तक का लोन लेती है तो
उसे 10;25 परसेंट की दर से ब्याज देना होता और जैसे ही लोन की राशि 10 लाख से
अधिक होती है .025 परसेंट की छूट मिलती है। लोन का मार्जिन 15 परशेट लोन लेने वाले
को खुद ही देना पड़ता है।
इस लोन सुविधा के
साथ क्रेडिट कार्ड की सुविधा के साथ ग्लोबल डेब्टि कार्ड, एटीमकार्ड, एसएमएस
बैंकिंग के साथ सिंड सुरक्षा इंश्योरेंस भी मुहैया करा रही है। यह लोन सात से दस वर्शों के लिए मिलता है।
निजी बैंक
आइसीआईसीआइ
का महिला एडवांटेज
वुमन एकाउंट
बैंक का मकसद एक
एकाउंट के माध्यम से महिलाओं को इंडीपेंडेंट बनाना है। इसलिए बैंक एकाउंट खोले
जाने के साथ ही महिलाओं को कई प्रकार की सुविधाएं मुहैया करा रहा है। महानगरों में
महिला को एकाउंट को मेंटेन करने के लिए 10000 रुपए रखने होते हैं जबकि सेमी अरबन
सिटी में 5000 और गांवों में और भी घट जाती है।
बैंक एकाउंट के साथ
ही डेबिट कार्ड देता है जो शॉपिंग और सेंविंग दोनों में ही महिलाओं की सेविंग की
आदत को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कभी कभी बैंक इस योजना के तहत जीरो बैलेंस
की योजना भी लाती है। यदि महिला बचत प्रेमी है तो इस एकाउंट के साथ 2000 रुपए तक
का रिकरिंग डिपोजिट भी शुरू कर सकती हैं। योजना के तहत विशेष इंतराष्ट्रीय महिला
डेबिट कार्ड दिया जाता है। जिससे कार्ड धारक महिला एक दिन में 25000 तक खर्च कर
सकती है।
एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी बैंक वुमन
एकाउंट होल्डर महिलाओं को इजी शॉप वुमेंस एडवांटेज कार्ड और लॉकर की सुविधा देता
है। इसमें 200 रुपए की खरीदारी पर एक रुपया कैश बैक देता है। जबकि इस एकाउंट के
साथ सबसे बड़ी सुविधा यह है कि इस कार्ड से किसी भी बैंक के एटीएम से कितनी भी बार
पैसा निकाला जा सकता है।
इस योजना के तहत एक निश्चित राशि की खरीदारी के
बाद महिला उपभोक्ता को कुछ परसेंट पैसा वापस मिल जाता है।
साथ ही एक साल तक
लॉकर की सुविधा पर 50 परसेंट की छूट गोल्ड बार की खरीद पर देता है। बैंक वुमन
बिलों पर पांच परसेंट कैश बैक और 150 रुपए के खर्च पर एक रिवॉर्ड प्वाइट भी देता
है। यदि बैंक से महिलाएं किसी उघेग के लिए लोन लेती हैं तो उन्हे ब्याज दरों में
0 दशमलव 25 फीसदी से लेकर 1 परसेंट तक की छूट दी जाती है।
स्टेट बैंक ऑफ
त्रावणकोर
महिलाओं को महज 250
रुपए के मिनिमम बैलेंस के साथ बचत खाता खोलने की सुविधा दे रहा है। साथ ही पांच से
सात साल के लिए दिए जाने वाले 25 लाख तक के लोन पर ब्याज में आकर्षक छूट भी देता
है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
महिलाओं के लिए कम ब्याज दर पर लोन, लंबी भुगतान अवधि और कम मार्जिन जैसी
सुविधाएं दे रहा है।
पंजाब नेशनल बैंक
पीएनबी महिला उदयम
निधि स्कीम, पीएनबी महिला सम़दिध योजना, स्कीम फॉर फाइनेंसिंग क्रेच, पीएनबी कल्याणी
कार्ड स्कीम, पीएनबी महिला सशक्तिकरण
अभियान के तहत योजनाएं चला रही हैं
सुकन्या योजना है
जिसमें 3 से बच्ची के 18 साल तक होने पर अभिभावक मैक्सिमम डेढ लाख रुपए तक एक साल
में रुपए जमा कर सकते हैं। यह पैसे बेटी के बड़े होने पर उसकी पढाई, उधोग स्थापित
करने में उपयोग किया जा सकता है। पीएनबी विमन इंपावरमेंट के लिए कई योजनाएं चला
रहा है जिसमें वह बांस की डलिया बनाने से लेकर हवाई जहाज उघोग स्थापित करने तक के
लिए लोन की सुवधिा यानी 5000 हजार से लेकर पांच हजार करोड़ तक का लोन देना है।
पांच से 25 हजार तक
का लोन महिलाओं को एड्रेस प्रूफ और आइडेंटिटी कार्ड पर मुहैया कराया जाता है। इसके
लिए बैंक कोई अन्य पेपर की मांग नहीं करती है। इसके लिए बैंक मैनेजर और एरिया के
प्रतिनिध अहम रोल अदा करते हैं।
जबकि उससे अधिक राशि
के लोन के लिए उघोग का प्रोजेक्ट से लेकर, महिला कितनी सक्षम है, उसके पास क्या
क्या साधन है वह सब भी देखा जाता है।
सरकार की मुद्रा स्कीम
यह लोन खासकर
अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर की महिलाओं को ध्यान में रखकर सरकार ने बनाया है जिसे हर
बैंक को लागू करना आवश्यक है। इस स्कीम के तहत घर से उघोग चलाने वालों को बैंक
50,000 से दस लाख तक का लोन देता है।
इस स्कीम के तहत
डिग्री डिप्लोमा की आवश्यकता नहीं होती है
गारंटर की जरूरत भी
नहीं होती है।
बैंक इस उघोग के
प्रोजेक्ट रिपोर्ट को बहुत बारीकी से देखता है जिसमें पैनी नजर उन बातों पर होती
है कि लोन लेने वाला अपना सारा खर्च निकालने के बाद ब्याज की राशि किस तरह से अदा
कर पाएगा।
इस तरह के लोन में
प्रोजेक्ट रिपोर्ट बहुत अहम रोल अदा करता है।
जब लोन लेने जाएं तो
पेपर क्या हो आपके साथ
आप लोन लेने जा रहे
हैं तो उसका पूरा प्रोजेक्ट प्रॉफिट रिपोर्ट के साथ बनाएं
जहां उघोग लगाना है
वहां आपका अपना मकान या आफिस या किराए का मकान है उसकी एग्रीमेंट की कॉपी
आपके क्वालीफिकेशन
की डिग्री, जिस उधोग को आप लगाने जा रहे हैं उसकी डिग्री
एप्लीकेशन फॉर्म
बचत खाता है या करंट
एकाउंट है उसकी तीन से छह महीने की एकाउंट बैलेंस
नो योर कस्टमर
फोटोग्राफ
एड्रेस प्रूफ
आइडेंटिटी कार्ड
सरकार की योजना के
तहत सीजीटीएमसी (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज)
योजना है जिसमें बैंक एक करोड़ रुपए तक लोन देता है वह भी बिना गारंटर के।
महिलाओं की योजनाओं
पर आरबीआई की गाइडलाइन
पब्लिक सेक्टर बैंक
के लिए आरबीआई ने एक गाइड लाइन जारी की है। जिसके अंतर्गत सभी बैंक को महिला
इंपावरमेंट के लिए टोटल लोन टार्गेट का पांच परसेंट सिर्फ महिलाओं को देकर पूरा
करना है। आरबीआई ने यह गाइड लाइन 2001 में ही लागू की थी लेकिन चौंकाने वाली बात
ये है कि आज तक बैंक लक्ष्य को पूरा करने
में असमर्थ दिखाई देते हैं। जब संवाददाता ने विभिन्न बैंकों से वुमन एकाउंट और
महिलाओं को दिए गए लोन की जानकारी चाही तो बैंक ने असमर्थता जताई।
बैंकों के लिए गठित
संसदीय समिति ने महिलाओं को दिए जाने वाले लोन पर विशेष रियायत देने की सिफारिश भी
की है। लेकिन उस गाइडलाइन का कितना पालन हो पा रहा है।
अधिक से अधिक
महिलाएं बैंक तक आएं इसलिए अब निजी बैंक और सरकारी बैंक महिलाओं के विशेष ब्रांच
खेाल रहे हैं। एचडीएफसी बैंक छह मेट्रो सिटीज में एक एक विशेष ब्रांच खोल रहा है
जबकि बिहार की राजधानी पटना के आशियाना नगर में एचडीएफसी की विशेष ब्रांच खुल चुकी
है
जबकि पंजाब नेशनल
बैंक की विशेष महिला ब्रांच दिल्ली के विकासपुरी इलाके में खोली गई है। इस ब्रांच
में महिलाओं की हर छोटी बड़ी सुवधिा का ध्यान रखा जाता है।
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