पिछले एक साल का लेखा जोखा
लेकर बेमिसाल होने का नारा दे रही आप सरकार फिर से नए एजेंडे के साथ नजर आ रही है।
अब आपकी नजर सिर्फ दिल्ली पर नहीं है दिल्ली के बहाने पंजाब पर गड़ चुकी है। इस
साल उनके जितने भी विज्ञापन आ रहे हैं टीवी पर हों या रेडियो पर या फिर अखबारों
में, बैनरों में उन सभी में उनके काम के गुणगान के साथ दिल्ली के अपने साथियों से
पूछें का गुनगान भी सुनने को मिल रहा है। सारे विज्ञापन अलग तरीके की मिठास लिए हुए
मिल रहे हैं। एक साल में चार बार दिल्ली को कूड़े के ढ़ेर में तब्दील कर चुके
केजरीवाल दिल्ली को यूरोप बना देने का वादा कर रहे हैं। लेकिन अगर नगर निगम एमसीडी
के पास नहीं आपके पास होगी तब। पंजाब में उन्हें अपनी जीत साफ नजर आ रही है।
केजरीवाल का मानना है कि उनकी ही सरकार पंजाब में बनेगी और सबसे पहले वे पंजाब से
नशे के कारोबार को खत्म करेंगे। पेश है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूजा मेहरोत्रा से हुई मुलाकात और
बातचीत के कुछ अंश।
ऑ़ड इवेन फिर से शुरू कर
रहे हैं, इसबार जनता को समस्या न हो उसके लिए क्या खास होगा?
पिछली बार जिस तरह से
दिल्ली की जनता ने ऑड ईवेन को सफल बनाया है हमें उम्मीद है कि इस बार भी हमें वैसी
ही मदद मिलेगी। ऑड और ईवेन की सफलता से हमें और हमारी टीम को काफी ऊर्जा मिली है।
अप्रैल की २२ तारीख से एक बार फिर ऑ़ड और ईवेन शुरू कर दिल्ली सरकार इतिहास रचेगी।
पिछली बार जनता को हुई परेशानियों को देखते हुए इसबार हमनें कई नई शुरूआत की योजना
भी बनाई है। इस बार जनता के लिए कई सुविधाएं होंगी जिसमें कॉंट्रैक्ट कैरेज के
द्वारा प्रीमियम सेगमेंट के ट्रैवलर को वातानुकुलित बसें और अन्य सुविधाएं भी
मुहैया कराई जाएंगी। महिलाओं के लिए बसों में आधी सीट आरक्षित की जाएंगी। प्रीमियम
बसों की बुकिंग मोबाइल एप से होगी और पायलट प्रोजेक्ट पर अभी काम चल रहा है।
प्रीमियम बसों की तर्जपर कई नई बसें भी सड़क पर उतारे जाने की योजना है।
आप की नजर अब पंजाब पर है,
क्या लग रहा हैं पंजाब आपका होगा?
जी बिल्कुल पंजाब आपका ही
होगा।
नहीं मेरा नहीं आपका पंजाब?
जी मेरा भी नहीं आपका ही
होगा पंजाब भी..
पंजाब की जनता अब अकालियों
और कांग्रेसियों को देख देख कर थक चुकी है। अकालियों ने पंजाब के लिए कुछ नहीं
किया है। जनता कांग्रेस का शासन भी देख चुकी है, भाजपा का शासन केंद्र में देख ही
रही है। न १५ लाख रुपए आए और न ही अच्छे
दिन..जबकि आपकी सरकार ने दिल्ली की जनता से जो भी कहा वह एक साल के भीतर कर दिखाया
है। दिल्ली में जो अच्छे काम हो रहे हैं इससे देशवासियों को हमशे आशा बढ रही है।
क्या सचमुच आपको लगता है कि
दिल्ली के हालात बदल गए हैं? तब जब आपकी जंग कभी नजीब साहब से तो कभी केंद्र से चल रही होती है।
मैं क्या करूं आप ही बताईए,
केंद्र जिस तरह से हाथ धोकर आपके पीछे और मेरे पीछे पड़ी है इसे देखकर तो यही लगता
है। अन्ना मूवमेंट से लेकर अभी तक मुझपर तरह तरह के आरोप ही लगाए जा रहे हैं. मोदी
सरकार को लगता है कि इस देश का सबसे बेईमान आदमी मैं ही हूं।
अच्छा, पंजाब में कई
समस्याएं है, आप पहले किस समस्या को देश की बड़ी समस्या मानते हैं?
पंजाब के हमारे युवा बुरी तरह नशे की चपेट में
है। नशे की वजह से परिवार के परिवार बर्बाद हो रहे हैं। लोगों की जमीनें बिक रही
हैं। मैं गांव गांव जाकर इस समस्या की जड़ की तलाश कर रहा हूं। जब मैं गांव में
जाता हूं लोगों से बातचीत करती हूं तो मेरी आंखें खुली रह गईं हैं। नशे का कारोबार
गली गली में नेताओं, प्रशासन और पुलिस की मिली भगत से किया जा रहा है। गांव में
गलियों में लोगों को पता है कि नशा का कारोबारी कौन है लेकिन एक्शन लेने वाला ही
जब चोर हो तो कार्रवाई कौन करेगा।
लेकिन मुझे विश्वास है बहुत
जल्दी पंजाब एक बार फिर नशा मुक्त होगा। जिस तरह से गांव में बच्चे आगे आ रहे हैं
और कमीटी बना कर नशा मुक्ति अभियान चला रहे हैं वह दिन दूर नहीं जब पंजाब फिर से
एक खुशहाल राज्य होगा। हमें उम्मीद है कि हमारी सरकार आएगी तो हम तीन चार महीने के
अंदर १०० फीसदी नहीं तब भी लेकिन यह जरूर है कि हम एक बड़े भाग को नशा मुक्त जरूर
बनाने में कामयाब होंगे।
दिल्ली को आप स्वराज मॉडल
बनाने वाले थे लेकिन आपने बिजली पानी का बिल घटा कर ही अपनी पीठ थपथपा ली है। जबकि
दिल्ली में कई और बड़ी समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं.
देखिए, स्वराज मॉडल हमारा
मुख्य मुद्दा रहा है। हम उसे बहुत जल्द ही शूरू कर रहे हैं। अभी ३१०० मोहल्ला सभा
का ब्लू प्रिंट तैयार हो चुका है। इन
सभाओं में युवा भी भाग लेंगे। हम युवाओं के लिए सरकार की खाली जमीन को खाली कराकर
उन्हें खेलने की जगह देंगे। १०००० करोड़ का शिक्षा का बजट बनाया था।
हमारे बजट का २५ फीसदी
शिक्षा के लिए रखा है। स्कूल में बेसिक्स फैसिलिटी पर ध्यान दिया है। जिसमें सभी
सरकारी स्कूलों में टॉयलेट्स, पानी और कक्षाओं का बनाना है। स्कूलों की मैंपिंग कर
ली है। ८००० स्कूलों में कक्षाएं बनाई जा रही है। नए स्कूल बनाए जा रहे हैं। १५०००
नए टीचर की भर्ती की जा रही है। जॉब के लिए हम स्किल डेवलपमेंट योजनाएं ला रहे
हैं।
क्या शिक्षा को फ्री करने
की भी कोई योजना है? क्या मिडिल क्लास लोग सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ा सकेंगे ?
हां हम आने वाले समय में १२
वीं तक एजूकेशन फ्री करने की योजना बना रहे हैं। जबकि आगे की पढ़ाई के लिए सरकार
लोन देने की तैयारी भी कर रही है। सरकार १० लाख तक लोन देगी जिसे नौकरी लगने के दो
साल बाद लोन चुकाना होगा।
हां जहां तक सरकारी स्कूलों
में मिडिल क्लास के बच्चों को पढाने की बात है तो मैं कहना चाहता हूं कि दो तीन साल में सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल की
तरह पढ़ाई हो जाएगी।
केंद्र सरकार और सीबीआई कभी
आपके ऑफिस में, कभी आपके मंत्रियों पर तो कभी आपके अधिकारियों पर आरोप लगाती है तो
कभी छापे डालती है। इसकी क्या वजह आपको लगती है?
देखिए, इससे तो साफ है कि
मोदी जी को पूरे देश में सबसे ज्यादा बेईमान मैं ही नजर आता हूं। आप ये बताओ मैं
क्या करूं अब। काफी मशक्कत के बाद पिछले साल अगस्त में जब मुझे उनसे मिलने का मौका
मिला तो मैंने उनसे यही पूछा था कि आप बताओ कि मैं क्या करूं, मैं तो बहुत छोटा सा
आदमी हूं, एक आधे स्टेट का चौथाई मुख्यमंत्री हूं। आप इतने बड़े देश के
प्रधानमंत्री हैं। अगर आप रोज रोज की खिच खिच बंद कर दीजिए। मैंने उनसे कहा कि
आपकी स्वच्छता अभियान से लेकर डिजिटल इंडिया तक सारे काम में मैं आपके साथ हूं।
अगर आप हमें काम करने दें तो मैं दिल्ली को यूरोपियन देश से दिल्ली को कंपेयर कर
सकेंगे, मैं दिल्ली को चमका दूंगा। लेकिन वो कुछ नहीं बोले।
अब बताओ मैं क्या करूं?
तो उन्होंने क्या कहा?
उन्होंने क्या कहना था
उन्होंने कहा कि ये तो आप सारा दिन टेलीविजन पर कहते हुए सुनाई देते हैं, आप कुछ
भी नया नहीं कह रहे हैं। मैं क्या करता मैं चुप हो गया।
अब आखिरी सवाल यमुना की
सफाई आपके एजेंडा में था क्या वो है, या एक एजेंडा ही था?
जी अभी भी हमारा एजेंडा है
यमुना की सफाई। लेकिन यमुना में जो सीवर डाला जा रहा है। तो हम एनडीएमसी और जल
बोर्ड से बात चल रही है और पायलट प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। बिजली की तरह ही अब
लोकल एसटीपी के पायलट प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। जहां ३०० घरों को इसमें शामिल
किया जाएगा।
यमुना वैसे भी चार
मंत्रालयों के अंदर आती है जिसमें उमा भारती से लेकर नायडु जी तक का मंत्रालय और
हम भी शामिल हैं। सभी अपनी ढपली अपना राग अलापते हैं। लेकिन हां दिसंबर २०१७ तक हम
यमुना सफाई के कई प्रोजेक्ट के साथ सामने होंगे।